शनि चंद्र (विषदोष)

क्या होता है शनि चंद्र विष दोष ?

शनि और चंद्र ग्रह का एक साथ कुंडली में बैठना (जिसे “विष दोष योग” या “शनि-चंद्र का संयोजन” भी कहा जाता है) एक महत्वपूर्ण स्थिति है और इसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर विभिन्न तरीके से हो सकता है। यह संयोजन व्यक्ति की मानसिक स्थिति, भावना, और जीवन के कठिनाइयों के प्रति दृष्टिकोण पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।

शनि चंद्र (विषदोष) कुछ मुख्य प्रभाव :

1. मानसिक तनाव और चिंता:
चंद्रमा मन, भावना और मानसिक स्थिति का कारक ग्रह है, जबकि शनि कर्म, प्रतिबद्धता, और कठोरता का प्रतीक है। जब ये दोनों एक साथ होते हैं, तो व्यक्ति में मानसिक तनाव, अवसाद, या चिंता की समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। यह संयोजन व्यक्ति को कठिनाइयों का सामना करने के लिए मजबूर कर सकता है, जिससे वे मानसिक रूप से चिड़चिड़े या असुरक्षित महसूस कर सकते हैं।
2. अनुशासन और संयम:
शनि का प्रभाव व्यक्ति को कड़ी मेहनत, अनुशासन, और जिम्मेदारी की ओर प्रेरित करता है। चंद्रमा के साथ संयोजन से व्यक्ति को मानसिक रूप से अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने की आवश्यकता होती है, और इस संयोजन से व्यक्ति में आत्म-नियंत्रण और संयम की भावना भी विकसित हो सकती है।
3. आवश्यकता से अधिक जिम्मेदारी:
यह योग व्यक्ति को जीवन में जिम्मेदारियों का सामना करने की प्रवृत्ति देता है। ऐसे लोग खुद को मानसिक दबाव में महसूस कर सकते हैं क्योंकि उन्हें हमेशा अपनी भावनाओं और कार्यों पर कड़ी निगरानी रखनी पड़ती है।
4. भावनात्मक अस्थिरता:
शनि के कठोर और चंद्रमा के परिवर्तनशील स्वभाव के कारण व्यक्ति की भावनाओं में उतार-चढ़ाव हो सकते हैं। कभी-कभी यह संयोजन व्यक्ति को अवसादित और उदास महसूस करवा सकता है, जबकि अन्य समय पर वे खुद को मानसिक रूप से मजबूत और समर्थ महसूस कर सकते हैं।
5. जीवन में विलंब और कठिनाइयाँ:
शनि का प्रभाव समय की धीमी गति और मेहनत से जुड़ा होता है। चंद्रमा के साथ मिलकर, यह व्यक्ति को अपने लक्ष्य तक पहुंचने में अधिक समय और प्रयास की आवश्यकता महसूस करा सकता है। इसके बावजूद, एक बार यदि व्यक्ति लक्ष्य को प्राप्त कर लेता है, तो वह संतुष्ट और स्थिर महसूस कर सकता है।

शनि चंद्र (विषदोष) उपाय:

• नियमित रूप से मानसिक शांति के लिए ध्यान या योग करना।
• शनि और चंद्रमा से संबंधित रत्न जैसे नीला सफायर या मोती पहनना (कुंडली के अनुसार)।
• शनि और चंद्रमा के दोषों को सुधारने के लिए पूजन, व्रत, उपवास, और दान करना।

कुल मिलाकर, शनि और चंद्रमा का संयोजन व्यक्ति के जीवन में कठिनाइयाँ ला सकता है, लेकिन यदि सही तरीके से समझा और समाधान किया जाए, तो यह व्यक्ति को मानसिक मजबूती और स्थिरता भी प्रदान कर सकता है।

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Pandit Ankit Sharma

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