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Guru Chandal Dosh: गुरू चांडाल दोष क्या है?

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जिस किसी जातक की कुंडली मे गुरु चांडाल दोष होता है उसका चरित्र अशक्त हो जाता है।
इस दोष के कारण जातक सदैव बीमारियो से घिरा रहता है।
पाचन तंत्र, कैंसर या अन्य किसी गंभीर बीमारी होने का डर रहता है।
अकीर्ति या निंदा का सामना करना पड़ता है।
व्यक्ति के धर्मभ्रष्ट होने का खतरा बढ जाता है।
किसी महिला की जन्मकुंडली मे यह दोष हो तो उसे वैवाहिक जीवन मे बहुत समस्याओ का सामना करना पड़ता है।
इस दोष के कारण व्यक्ति के अच्छे गुण कम हो जाते है, और नकारात्मक या बुरे गुण बढ़ जाते है।
अनैतिक या अवैध कार्यो मे व्यक्ति की रुचि बढने लगती है।

गुरु चांडाल दोष प्रभाव कब कम हो जाता है?

जब राहू गुरु के साथ कोई दूसरा ग्रह भी साथ रहे तो इस दोष का प्रभाव कम हो जाता है, परमात्मा की असीम कृपा हो, बृहस्पति उच्च राशि मे हो तो निम्न दशाओ मे गुरु चांडाल दोष का प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर नहीं पड़ता है।

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Mangal dosh bhat puja

मंगल दोष क्याँ है ? Mangal Dosh

मंगल दोष के लक्षण ( कैसे पता करे हम मंगल दोष से पीड़ित है या नहीं ) और मंगल दोष को दूर करने के उपाय
Mangal dosh puja

ज्योतिष के अनुसार कुण्डली में १२ भाव ( घर ) होते है जिसमें से प्रथम , चतुर्थ , सप्तम , अष्टम एवं द्वादश भाव में मंगल की उपस्थिति होती है तो मंगल दोष का निर्माण होता है अर्थात् किसी पुरुष या स्त्री की जन्म पत्रिका में 1,4,7,8,12 भाव में अगर मंगल बैठता है तो वह जातक मांगलिक कहलाता है !

मंगल दोष के लक्षण ( कैसे पता करे हम मंगल दोष से पीड़ित है या नहीं )

  1. विवाह में देरी जो व्यक्ति मांगलिक होता है उसके विवाह में देरी होती है ।
  2. मंगल दोष के कारण विवाह में देरी के साथ संबंध टूटना विवाह तय होकर छूट जाना ।
  3. विवाह के बाद जीवनसाथी के साथ नहीं बनना या झगड़ा ज्यादा होना ।
  4. एसा जातक अहंकारी और अत्यधिक क्रोधी स्वभाव का होता है ।
  5. किसी भी प्रकार के वैवाहिक सुख का भोग नहीं कर पाता है
  6. कर्ज से परेशान रहता है ।
  7. मांगलिक जातक के २ विवाह होने की भी संभावनायें रहती है
  8. किसी प्रकार की दुर्घटना की आशंका रहती है ।
  9. व्यापार नौकरी और परिवार सुख में भी कमी करता है ।

मंगल दोष को दूर करने के उपाय

मंगल दोष के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए आप निम्नलिखित उपायो को अपना सकते है :-

जातक की कुंडली मे मंगल दोष हो तो, उसे घर बनवाते समय लाल पत्थर का उपयोग करना चाहिए।
बंदरो को गुड और चना खिलाने से मंगल दोष के दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है।
दो मुट्ठी मसूर लाल कपड़े मे बाँधकर भिखारी को दान देना चाहिए।
जहाँ आप सोते है, उस कमरे मे लाल कपड़े मे सौफ बांधकर रखना चाहिए।

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kaal sarp dosh puja

Kaal Sarp Dosh : कुंडली में कब बनता है काल सर्प दोष , कालसर्प दोष के प्रभाव  :

ज्योतिष शास्त्र में काल सर्प दोष को बहुत ही अशुभ माना गया है। कहा जाता है कि जिस व्यक्ति की कुंडली में काल सर्प दोष होता है तो व्यक्ति को जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कुंडली में काल सर्प दोष होने से व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रभावित होता है। इसलिए कालसर्प दोष की पूजा पूरे विधि विधान के साथ होना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं कालसर्प दोष क्या है, कालसर्प दोष की पूजा विधि और फायदे और कालसर्प दोष के लक्षण।

1) जिस व्यक्ति की कुंडली में काल सर्प दोष होते हैं इस व्यक्ति को अक्सर सपने में मृत लोग दिखाई देते हैं। इतना ही नहीं कुछ लोगों को तो यह भी दिखाई देता है कि कोई उनका गला दबा रहा हो।

2) जिस व्यक्ति के जीवन में काल सर्प दोष होता है उसे जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ता है और जब उसको जरुरत होती है तब उसे अकेलापन महसूस होता है।

3) कालसर्प से पीड़ित व्यक्ति के कारोबार पर काफी नकारात्मक असर पड़ता है। इसे व्यापार में बार बार हानी का सामना करना पड़ता है।

4) इसके अलावा नींद में शरीर पर सांप को रेंगते देखना, सांप को खुद को डसते देखना।

5) बात-बात पर जीवनसाथी से वाद विवाद होना। यदि रात में बार बार आपकी नींद खुलती है तो यह भी काल सर्प दोष का ही लक्षण है।

6) इसके अलावा काल सर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति को सपने में बार-बार लड़ाई झगड़ा दिखाई देता है।

7) काल सर्प दोष के कारण व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान होता है। साथ ही सिर दर्द, त्वचारोग आदि भी कालसर्प दोष के लक्षण है।


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु के बीच जब सभी ग्रह आ जाते हैं तब काल सर्प दोष नामक योग का निर्माण होता है।कालसर्प दोष के कारण व्यक्ति को जीवन में काफी ज्यादा संघर्ष करना पड़ता है ऐसे में जल्द से जल्द इसका निवारण होना बेहद जरूरी है।

आइए जानते हैं काल सर्प दोष के उपाय। आइए जानते हैं काल सर्प दोष के प्रभाव को कुछ कम करने के आसान उपाय:

1) काल सर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति को घर या मंदिर में जाकर रोजाना शिवलिंग पर अभिषेक करना चाहिए।

2) प्रदोष तिथि के दिन शिव मंदिर में रुद्राभिषेक करना भी लाभकारी रहता है।

3) इसके अलावा उस व्यक्ति को रोजाना कुलदेवता की रोजाना प्रतिदिन आराधना करनी चाहिए।

4) प्रतिदिन महामृत्युंजय मंत्र का कम से कम 108 बार जप करना चाहिए।

5) इसके अलावा हनुमान चालीसा का रोजाना 11 बार पाठ करना चाहिए।

6) कालसर्प से पीड़ित व्यक्ति को अपने घर में मोरपंख रखने चाहिए।

काल सर्प दोष पूजा के लाभ
​काल सर्प दोष पूजा के लाभ
1) अगर व्यक्ति कालसर्प दोष निवारण के लिए पूजा करता है तो उस व्यक्ति को जीवन में काफी राहत मिलती है।
काल सर्प दोष पूजा के बाद व्यक्ति का वैवाहिक जीवन काफी अच्छा हो जाता है। पति पत्नी के बीच खुशहाली का माहौल रहता है।
2) साथ ही साथ आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है।
3) इतना ही नहीं आपके घर परिवार में भी शांति का माहौल बना रहता है।
4) व्यापार में आ रही समस्याएं समाप्त हो जाती है। और व्यापार में विकास होने लगता है।
5) नौकरीपेशा लोगों को पद प्रतिष्ठा मिलती है और उनके पद में उन्नति होती है।
6) आर्थिक समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है।me to WordPress. This is your first post. Edit or delete it, then start writing!

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