सूर्य ग्रह का कुंडली में प्रभाव

जानें सूर्य ग्रह का कुंडली में प्रभाव

सूर्य ग्रह कुंडली में आत्मा, पिता, मान-सम्मान, स्वास्थ्य और नेतृत्व क्षमता का कारक ग्रह माना जाता है। सूर्य के 12 भावों में अलग-अलग स्थितियों का प्रभाव व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर पड़ता है।

आइए जानें सूर्य का 12 भावों में फल:

  1. प्रथम भाव (लग्न) फल
    • सिर की समस्या या तनाव
    • आत्मविश्वासी, स्वाभिमानी और नेतृत्व क्षमता से भरपूर।
    • अच्छे स्वास्थ्य और मजबूत व्यक्तित्व के धनी।
    • अहंकार की अधिकता हो सकती है।
  2. द्वितीय भाव फल
    • नेत्र कमजोर
    • वाणी में प्रभावशाली और मधुरता।
    • पारिवारिक संबंधों में कभी-कभी कड़वाहट।
    • आर्थिक स्थिति में सुधार, लेकिन खर्चों पर ध्यान देना आवश्यक।
  3. तृतीय भाव फल
    • कान की समस्या
    • साहसी, परिश्रमी और अपने प्रयासों से सफलता प्राप्त करने वाले।
    • भाई-बहनों के साथ संबंध अच्छे, लेकिन कभी-कभी प्रतिस्पर्धा का भाव।
    • कला और लेखन में रुचि।
  4. चतुर्थ भाव फल
    • हृदय समस्या
    • माता से लाभ, लेकिन कभी-कभी विचारों में असहमति।
    • जमीन-जायदाद और वाहन सुख।
    • मानसिक शांति में कमी।
  5. पंचम भाव फल
    • पेट समस्या
    • शिक्षा, प्रेम और संतान क्षेत्र में सफलता।
    • सृजनात्मकता और नेतृत्व क्षमता का विकास।
    • अति आत्मविश्वास हानिकारक हो सकता है।
  6. षष्ठ भाव फल
    • कर्ज़
    • रोग और शत्रुओं पर विजय।
    • कार्यक्षेत्र में कठिनाइयों के बाद सफलता।
    • स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
  7. सप्तम भाव फल
    • गुप्त रोग
    • जीवनसाथी के साथ सम्मान और सहयोग।
    • विवाह और साझेदारी में सफलता।
    • कभी-कभी अहंकार के कारण वैवाहिक जीवन में तनाव।
  8. अष्टम भाव फल
    • दुर्घटना
    • गूढ़ ज्ञान और रहस्यमय विषयों में रुचि।
    • अचानक लाभ या हानि।
    • जीवन में कुछ अप्रत्याशित घटनाएं।
  9. नवम भाव फल
    • भाग्य फल
    • धार्मिक, अध्यात्मिक और भाग्यशाली।
    • उच्च शिक्षा और धार्मिक यात्राओं का योग।
    • पिता से अच्छे संबंध और मार्गदर्शन।
  10. दशम भाव फल
    • कार्यक्षेत्र में उच्च पद और सम्मान।
    • प्रशासन, राजनीति और नेतृत्व के क्षेत्र में सफलता।
    • समाज में प्रतिष्ठा और ख्याति।
  11. एकादश भाव फल
    • आर्थिक लाभ और मित्रों से सहयोग।
    • बड़े लक्ष्यों को प्राप्त करने की क्षमता।
    • समाज में मान-सम्मान।
  12. द्वादश भाव फल
    • आध्यात्मिक और गुप्त कार्यों में रुचि।
    • विदेश यात्राओं का योग।
    • खर्चों में वृद्धि और स्वास्थ्य का ध्यान रखना आवश्यक।

सूर्य की दशा, दृष्टि और राशि अनुसार इसका प्रभाव बदल सकता है। कुंडली के अन्य ग्रहों और योगों का भी ध्यान रखना चाहिए।

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Pandit Ankit Sharma

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